देश की राजनीति अब समझ नहीं आती की, क्या चल रहा है देश में ? अब तो ऐसा लगता है
मानों मीडिया बच्चा और लोकतंत्र खिलोना बन गया है, जिसका मन करता है वो खेल लेता
है। अब तो बसों और मेट्रो में सफर करने में भी डर लगता है।
हां मैं हिंदू हूं, मुसलमान नहीं (मेरा इस पोस्ट को लिख कर किसी धर्म
विशेष को चोट पहुचाने का मकसद नहीं है) पर फिर भी हिंदुत्व के नाम पर जो देश में
चल रहा हैं उसे देख कर मन सहम जाता है, क्योंकि ना जाने किस मोड़ पर कोई भक्त टकरा
जाए और आपको गौ मास या फिर मेरे सवाल करने पर मुझे मार दे।
माना हिंदू शब्द को सुन कर मन में शेर होने की अनुभूति (Feeling) होती है, परंतु
आप शायद यह भूल गए कि शेर जंगल का राजा कहलाता है और राजा कभी अपनी प्रजा को दुख
नहीं पहुंचाता, पर फिर भी आप अगर हिंदुत्व के नाम पर किसी को मार कर अपने हिंदू
होने पर गर्व करते है तो शायद यह आपकी गलती है।
अरे हिंदू होने से पहले आप एक इंसान है और एक
बार जरा देश का इतिहास उठा कर देख लो आज तक किसी भी हिंदू ने बेवजह किसी अन्य धर्म
को ठेस या दुख नहीं पहुंचाया। तो लोगों या नेताओं की सुनना बंद करो क्योंकि नेताओं
का तो काम होता है भड़काना और फायदा उठा कर सत्ता की कुर्सी पर बैठ जाना।
अगर आपको मेरी बात सुनकर दुख पहुंचा हो या फिर
मुझे गाली देने का मन करे तो कमेंट करने में कोई पैसे नहीं लगते आप वहां लिख सकते
हो, बस कुछ भी लिखने से पहले आप मुझे एक जवाब जरूर दिजिएगा कि क्या आज तक के
इतिहास में दंगों में कोई भी नेता मरा है क्या ?
मैं जानता हूं की आपका जवाब ना होगा। अरे भाई नींद
से जागो हम 21वी सदी में जी रहे है और आप एक पढ़े लिखे परिवार से आते हो तो किसी
नेता या धर्म के नाम पर देश को बांटने वाले लोगों की बातों को दिल से लगाना बंद
करो।
और अंत में मैं आपसे यही कहूंगा कि अगर आपको
मेरी बात सुनकर ठेस पहुंची हो तो मुझे माफ करना दोस्तों, मैं ऐसा ही हूं और खुल के
लिखना मेरा कर्तव्य है, क्योंकि ना जाने कैसे पर हां मैं पत्रकार हूं, लेकिन आज के
पत्रकारों को देख कर मुझे अपने आप को पत्रकार कहने में दुख होता है क्योंकि इन
लोगों ने पत्रकारिता को छिन्न-भिन्न कर दिया है।
धन्यवाद।